Day: अगस्त 21, 2021

आंधी में होकर सुरक्षित

1830 में स्कॉटिश मिशनरी एलेग्जेंडर डफ की भारत की पहली यात्रा के दौरान, उनका जहाज़ दक्षिण अफ्रीका के तट से दूर एक तूफ़ान से टूट गया l वह और उसके सह यात्री किसी प्रकार एक विरान द्वीप पर अपनी जान बचायी; और कुछ समय बाद जहाज़ के एक कर्मी को डफ की बाइबल मिली जो बहती हुई तट पर आ गई थी l जब वह पुस्तक सूख गई, डफ ने बचे हुए लोगों के समक्ष भजन 107 पढ़ा, और उनको साहस मिला l आखिरकार, बचाए जाने के बाद और एक और बार जहाज़ के नष्ट होने के बाद, डफ भारत पहुँचे l 

भजन 107 कुछ एक तरीके बताता है जिससे परमेश्वर ने इस्राएलियों को छुड़ाया था l इसमें शक नहीं कि डफ और उसके सहयात्रियों ने वचन का समर्थन किया और उसमें शांति प्राप्त की : “वह आंधी को शांत कर देता है और तरंगें बैठ जाती हैं l तब वे उनके बैठने से आनंदित होते हैं, और वह उनकी मन चाहे बंदरगाह में पहुँचा देता है” (पद.29-30) l और, इस्राएलियों के समान, उन्होंने भी “यहोवा की करुणा के कारण, और उन आश्चर्यकर्मों के कारण जो वह मनुष्यों के लिए करता है, उसका धन्यवाद (किया)” (पद.31) l 

हम नया नियम (मत्ती 8:23-27); मरकुस 4:35-41) में भजन 107:28-30 का सामानांतर देखते हैं l यीशु और उसके शिष्य झील पर एक नाव में थे जब एक प्रचंड आंधी आयी l उसके शिष्य भय में पुकार उठे, और यीशु──देह में परमेश्वर──ने झील को शांत कर दिया l हम साहस न छोड़ें! हमारा सामर्थी परमेश्वर और उद्धारकर्ता हमारी पुकार सुनता और प्रत्युत्तर देता है और हमारे तूफानों के बीच हमें शांति देता है l